Cookies Delete: जब भी आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं। तो कुकीज का नोटिफिकेशन एक्सेप्ट करने से पहले चिंता होती होगी कि यह कुकीज़ को एक्सेप्ट करना हमारे लिए सही है या फिर नहीं। यह चिंता हम सबको होती है। तो चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं की वेबसाइट कुकीज क्या होता है और इसे अपने इंटरनेट ब्राउज़र से कैसे हटाएंगे।
Web Cookies क्या होता है?
वेब कुकीज जिसे सिर्फ कुकीज (Cookies) कहा जाता है। जो छोटे साइज के टेक्स्ट फाइल्स होती है। जिसमें वेबसाइट पर किए गए पर्सनलाइज एक्टिविटी, लॉगिन डीटेल्स, यूजर्स डीटेल्स या वेबसाइट के कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होती है। जो आपके मोबाइल या कंप्यूटर के वेब ब्राउज़र में स्टोर हो जाती है।
वेबसाइट कुकीज के कारण ही जब आप किसी ब्राउजर में कोई लॉगिन वेबसाइट में एक बार लॉगिन हो जाते हैं। तो आपको उस वेबसाइट को पुनः खोलने पर यह बार-बार विजिट करने पर फिर से लॉगिन नहीं करना पड़ता है।
एक तरह से देखा जाए तो वेब कुकीज यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए यूज किया जाता है। क्योंकि कुछ ऐसे वेबसाइट होते हैं। जिसमें कुछ चीज स्टैटिसटिक्स (वेबसाइट लोगो, वेबसाइट का नाम या कुछ टेक्स्ट/इमेज कंटेंट आदि हो सकता है।) होती है। उसे कुकीज द्वारा आपके वेब ब्राउज़र में सेव कर दिया जाता है। ताकि आप जब आप उस वेबसाइट पर द्वारा जाएं तो वेबसाइट फास्ट लोड हो।
लेकिन दिक्कत तब हो जाती है। जब आपके वेब कुकीज के साथ कुछ छेड़छाड़ हो या फिर आपका कुकीज कहीं और शेयर हो जाए। तब आपके पर्सनल डाटा या कोई गोपनीय डाटा चोरी हो सकती है और आपका उस वेबसाइट का अकाउंट भी हैक हो सकता है। क्योंकि जब आप कोई वेबसाइट पर एटीएम डीटेल्स, बैंकिंग डीटेल्स या कोई सेंसिटिव डीटेल्स भरते हैं। तो वह सभी बेव कुकीज में ही सेव होता है।
Web Cookies के प्रकार
1. First Party Cookies
फर्स्ट पार्टी कुकीज उस वेबसाइट के द्वारा बनाया जाता है। जिस वेबसाइट को आप खोले/खोलते हैं। यानी की यह कुकीज आपके ब्राउज़र के एड्रेस बार में जो डोमेन दिखाई दे रहा है। उसी डोमेन द्वारा बनाई जाती है।
फर्स्ट-पार्टी कुकीज इंटरनेट ब्राउज़र की पॉलिसी और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करती है। जिससे इस कुकीज़ को सिक्योर माना जाता है। यह कुकीज उसी वेबसाइट द्वारा कंट्रोल और एक्सेस किया जाता है। जिस पर आप विजिट किए हैं और यह अपने कुकीज़ को किसी थर्ड पार्टी के साथ साझा नहीं करता है।
इस कुकीज में वेबसाइट के थीम, लैंग्वेज सैटिंग्स, लॉगिन डीटेल्स, शॉपिंग कार्ट आइटम्स जैसे डीटेल्स को सेव करती है। जैसे कि आपने देखा होगा कि किसी वेबसाइट पर जब आप विजिट करते हैं और ‘डार्क मॉड’ ऑन करते हैं। तो जब आप द्वारा उस वेबसाइट को खोलते हैं। तो उसमें डार्क मॉड (Dark Mode) ऑन होता है या फिर कहीं की किसी वेबसाइट पर जब आप लॉगिन करते हैं और रिमेंबर मी (Remember Me) का ऑप्शन सिलेक्ट करते हैं। तो आपको उस वेबसाइट पर बार-बार Login करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
इस कुकीज का इस्तेमाल वेबसाइट अपने वेबसाइट एनालिटिक्स के लिए भी इस्तेमाल करती है। जो वेबसाइट पर आए विजिटर की संख्या और वेबसाइट पेज की टाइम काउंट और बाउंस रेट को ट्रैक करती है।
2. Session Cookies
Session Cookies आपके ब्राउज़र के कुकीज़ फाइल में सेशन आईडी के नाम से अस्थाई रूप से स्टोर रहती है। जो ब्राउज़र बंद करते हैं। अपने आप डिलीट हो जाती है।
जैसे कि जब आप किसी बैंकिंग वेबसाइट पर अपना यूजरनेम और पासवर्ड डालकर लॉगिन होते हैं। तब सेशन कुकीज द्वारा आपके ब्राउज़र में सेशन आईडी बन जाता है और कुकीज में सेशन आईडी नाम से एक फाइल सेव हो जाता है। इसी कारण से एक ही वेबसाइट के अलग-अलग पेज पर जाने पर आपको बार-बार लॉगिन नहीं करना पड़ता है। और जैसे ही आप ब्राउज़र को बंद कर देते हैं। तब यह कुकीज ऑटोमेटेकली खुद व खुद डिलीट हो जाता है। जिससे आपको फिर से इस बैंकिंग वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए फिर से आपके लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालना होगा।
आपने कभी ना कभी यह नोटिस किया होगा की कभी आप कोई ऐसी वेबसाइट पर विजिट किए होंगे। जहां पर आप कहीं फॉर्म भर रहे हो और आपसे गलती से वह वेबसाइट रिफ्रेश हो जाए। लेकिन रिफ्रेश होने के बावजूद भी आपका फॉर्म में भरे हुए जानकारी वापस चला आता है। वह सभी इसी कुकीज के वजह से होता है।
3. Persistent Cookies
परसिस्टेंट कुकीज यूजर्स के मोबाइल या कंप्यूटर के ब्राउज़र में स्टोर होती है। जो ब्राउज़र को बंद करने के बाद भी डिलीट नहीं होती है और यह तब तक डिलीट नहीं होती है। जब तक की इस वेब कुकीज का एक्सपायरी डेट ना आ जाए या फिर यूजर अपने मोबाइल या कंप्यूटर के ब्राउज़र में जाकर इसे मैनुअली रूप से डिलीट ना करें।
इस कुकीज को हम उदाहरण के तौर पर बताना चाह तो जब आप किसी शॉपिंग वेबसाइट पर शॉपिंग कार्ट में कोई प्रोडक्ट को ऐड कर छोड़ देते हैं। तो यह बहुत दिनों तक आपका कार्ट में पड़ा रहता है। जब तक कि आप इसे मैनुअली रूप से कार्ड से हटा ना दें।
4. Third Party Cookies
Third Party Cookies का इस्तेमाल ज्यादातर एडवर्टाइजमेंट कंपनियां, एनालिटिक्स सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियां या फिर सोशल मीडिया कंपनियां करती है। जिससे लोगों को पर्सनलाइज्ड कंटेंट या एडवर्टाइजमेंट डिलीवर कर सके।
यह कुकीज वेबसाइट पर विजिट किए हुए है उसके साथ मिलकर किसी अन्य वेबसाइट द्वारा बनाया जाता है। जो आपकी पर्सनलाइज्ड चीजों और ब्राउजिंग एक्टिविटी को ट्रैक करती है। की आपको क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद है। आपको कौन से कंटेंट में ज्यादा रुचि है। यह सब इस वेब कुकीज द्वारा ट्रैक किया जाता है।
जैसे की अगर आप कहीं पर मोबाइल सर्च कर रहे हैं और मोबाइल के बारे में देख रहे हैं। तो आपको फौरन ही आपका फोन पर उस कंपनी के फोन का एडवर्टाइजमेंट दिखने लगता है। यह सब इसी कुकीज के कारण संभव है।
Cookies Delete कैसे करें?
चाहे मोबाइल हो या कंप्यूटर या क्रोम ब्राउज़र हो या कोई अन्य ब्राउज़र हो सब में Web Cookies Delete करने का तरीका एक ही प्रकार का होता है। बस ऑप्शन इधर-उधर हो सकता है।
- कुकीज डिलीट करने के लिए सबसे पहले ब्राउज़र को ओपन कर लें।
- उसके बाद ब्राउज़र के सेटिंग्स ऑप्शन चुनने के बाद और ‘Privacy and Security’ वाले ऑप्शन पर चले जाना है।
- फिर ‘Clear Browsing Data’ ऑप्शन पर चले जाना है और टाइम रेंज को सेलेक्ट कर लेना है कि कितने दिनों का कुकीज डिलीट करना है।
- फिर अब ‘Cookies And Other Site Data’ ऑप्शन को सेलेक्ट करना है और फिर क्लियर डाटा वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
- अगर आप साथ में ब्राउजिंग हिस्ट्री और कैश क्लियर करना चाहते हैं। तो इन दोनों ऑप्शन को भी टिक कर दें।
इस प्रकार से आप अपने फोन से कुकीज़ को डिलीट कर सकेंगे।
क्या मुझे अपने फोन पर कुकीज साफ करनी चाहिए?
जवाब है हां, आप अपने फोन पर हमेशा कुकीज, वेब ब्राउजिंग हिस्ट्री और कैश क्लियर कर रखें। इससे आपका फोन का स्टोरेज भी खाली होता है और फोन हीटिंग, लैग जैसे समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कुकीज़ फाइल में आपके लॉगिन आईडी पासवर्ड जैसे सेंसेटिव क्रेडेंशियल सेव होते हैं। इसलिए इसे समय रहते इसे क्लियर करते रहना चाहिए। इससे आपकी डाटा और सेंसिटिव क्रेडेंशियल हैक होने से बचती है और आपका डाटा सुरक्षित हो जाता है।
सभी कुकीज साफ करने से क्या होता है?
अगर आप सभी कुकीज (Clear All Cookies) साफ कर देते हैं। तब आप उस ब्राउज़र पर लॉगिन सभी वेबसाइट से लॉगआउट हो जातें है। यानी की आपके ब्राउज़र के कुकीज में जितने भी डाटा और सेंसिटिव क्रेडेंशियल है वह सभी डिलीट हो जाते हैं।
क्या कुकीज साफ करना खराब है?
नहीं, समय-समय पर अपने फोन के ब्राउज़र से कुकीज साफ करते रहना चाहिए। इससे आपका फोन क्लियर और क्लीन रहता है और आपका डिजिटल दुनिया में डाटा सुरक्षित हो जाता है। क्योंकि कुकीज में आपके सेंसिटिव क्रेडेंशियल सेव हो सकते हैं।